पाकलापल्ली गाँव के
ऐरागोडा जाति के लोग कपड़ा, माला, केशर वाले बनकर करते हैं चोरी
(मो;रियाज)
सिवनी (साई)। उड़ीसा
प्रांत के पाकला पल्ली ग्राम के एक शातिर गिरोह को बरघाट पुलिस द्वारा गिरफ्तार
किया गया है ये लोग जिस जिले में अपना निवास बनाते हैं उससे काफी दूर वारदातों को
अंजाम देते हैं ताकि इन पर किसी को शक न हो सकें और ये पुलिस की गिरफ्त से दूर
रहें. ये आरोपी अलग अलग जगहों पर अलग अलग रूप में रहते हैं. मंडला में ये कपड़ा
बेचने वाले के रूप में, बैतूल में मोतियों की माला बेचने वाले के रूप में तो छिंदवाड़ा
में ये जाफरानी एवं केशर बेचने वाले के रूप में रहे. इनके पास फर्जी पहचान पत्र
आदि सब है.
उक्ताशय की बात
पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में कही गयी है. विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस
गिरोह के लोगों ने सबसे पहले बरघाट के एक शिक्षक के पैसों पर हाथ साफ किया. शिक्षक
ने घर बनवाने के लिये स्टेट बैंक से ढाई लाख रूपये निकाल थैले में रखे थे और इलाज
कराने डाँक्टर के यहाँ चला गया था जहाँ से इस गिरोह के दो लोग शिक्षक का थैला ले
उड़े. पुलिस की खोजबीन में शिक्षक का थैला जिसमें की उसने रूपये रखे थे मेहरा
पिपरिया के पास सड़क के किनारे पड़ा मिला. इससे पुलिस को संदेह हो गया कि आरोपी
मंडला में रह रहा है. इसके अलावा बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की फोटो
भी आ गयी.
इसके बाद पुलिस ने
मंडला में खोजबीन शुरू की तभी इसी प्रकार
की घटना की पुनरावृŸिा बेहरई
निवासी श्री सोलंकी के साथ हुई जो कि वारासिवनी शासकीय महाविद्यालय में टेक्नीशियन
के रूप में पदस्थ हैं. इन्होंने अपने बैंक से 6 लाख 20 हजार रूपये निकाले
और सब्जी खरीद कर जब ये वापस आ रहे थे तो थैला इन्होंने मोटर सायकल में टांग लिया.
जब ग्राम धारनाकला की एक होटल में ये चाय पीने रूके तो इनकी नजर मोटर सायकल की तरफ
गयी जिसपर से थैला गायब था. घटना की रिपोर्ट इन्होंने तत्काल बरघाट थाने में दर्ज
करायी.
पुलिस ने खोजबीन की
तो पता चला कि ग्राम गुदमा के किनारे एक स्थानीय व्यक्ति को थैला और उसमें रखी
पासबुक मिली. इससे पुलिस को पुनः संकेत मिले की पिछली घटना का और इस घटना का आरोपी
एक ही है और ये मंडला में ही निवासरत हैं.
इसके बाद पुनः पुलिस ने मंडला की पतासाजी की तो मुखबिरों से सूचना मिली कि
उड़ीसा प्रांत के कुछ बदमाश मंडला में रहकर आस पास के सरहदी इलाकों में वारदात को
अंजाम दे रहे हैं.
इसके बाद पुलिस को
पता चला कि उड़ीसा के गंजाम जिले मे एक आपराधिक जाति ऐरागोड़ा का केंप पाकलापल्ली
गाँव में है. पुलिस अधीक्षक श्री राकेश जैन के निर्देश पर एक टीम बनाकर उड़ीसा के
गुंजाम जिले में भेजी गयी. यहाँ संबंधित थाना प्रभारी ने पुलिस की टीम को अवगत
कराया कि ग्राम पाकलापल्ली में ऐरागोडा आपराधिक जाति के लोगों का कैंप है. इस जाति
के लोग अन्य प्रांतों में जाकर चोरी एवं जेबकटी की वारदातें बड़ी सफाई से करते हैं.
वहाँ के थाना
प्रभारी की मदद से पुलिस टीम द्वारा ग्राम पाकलापल्ली में पतासाजी सीसीटीव्ही
कैमरे बरघाट से निकाली गयी तस्वीर के आधार पर की गयी तो पता चला कि फोटो रोहित दास
की है और वह अपने रिश्ते के मामा अभिषेक दास के साथ पाकलापल्ली में रहता है. इस
तरह पुलिस को इस पर पूरा संदेह हो गया.
इसके बाद पुलिस ने
उक्त संदेही के मकान का पता लगाया और घेरकर तलाशी ली तो घर में केवल महिलाएं थी.
तलाशी में रोहित की पत्नी की अलमारी वह शर्ट बरामद हुई जो उसने बरघाट स्टेट बैंक
में की गयी चोरी के दौरान पहनी थी. पूछताछ में पता चला कि ये दोनों संदेही वर्तमान
मे मध्यप्रदेश के मंडला में रह रहे हैं.
इसके बाद पुलिस को
अपने मुखबिरों से सूचना मिली की महाराजपुर मंडला में दीपक नाम के व्यक्ति के घर
में कुछ बाहरी लोग कपड़ा व्यापारी बनकर रह रहे हैं जबकि इनके पास कभी कपड़े का गðा देखा नहीं गया.
इसके बाद पुलिस ने
सादे कपड़े मे मंडला निवासी दीपक के घर दबिश दी. तो पता चला कि आरोपी किसी काम से मोटर सायकल में कहीं गये
हैं. इसके बाद पुलिस ने दो घंटे तक दीपक के घर में प्रतीक्षा की तो करीब 28-30 साल का एक व्यक्ति
एक छोटे लड़के के साथ आकर घर में रूकते दिखायी दिये. पुलिस द्वारा इन्हें तत्काल
गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने जब इनसे
सख्ती से पूछताछ की तो इन्होंने बड़े व्यक्ति ने अपना नाम अभिषेक दास तथा छोटे लड़के
का नाम नीरज दास बताया. इन्होंने चोरी की घटना को अंजाम देना कबूल किया साथ ही ये
भी बताया कि चोरी कर वो अपने भांजे के साथ रकम का बड़ा हिस्सा अपने ग्राम पाकल पल्ली
भेज देता था तथा लड़के नीरज को उसने ट्रेनिंग के लिये अपने साथ रखा है. इनके पास से
पुलिस को होशंगाबाद जिले का फर्जी पहचान पत्र भी मिला.
ये आरोपी इतने
शातिर हैं कि हर घटना के लिये प्री एक्टीवेटेड मोबाइल सिमों का इस्तेमाल करते थे
और मोटर सायकलों को बस स्टेंड मोटर स्टेंड में किराये की पार्किंग में खड़ा कर देते
थे. उक्त दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया
है. इन आरोपियों को पुलिस रिमांड में लेकर अन्य घटनाओं का खुलासा भी करेगी.
आरोपियों के पास से पौने दो लाख रूपये की राशि जप्त भी की गयी है.
आरोपियों को पकड़ने
में थाना प्रभारी बरघाट आर.बी. पांडे, सउनि गेडाम, प्रधान आरक्षक शरद
मालवीय, बलवंत बघेल, सुधीर मिश्रा, कन्हैया नाविक, गणेश सत्यार्थी, महिला आरक्षक
उमेश्वरी, संजय ठाकुर
का विशेष योगदान रहा. उक्त सराहनीय कार्य के लिये पुलिस अधीक्षक द्वारा नगद इनाम
की घोषणा की गयी है.
उल्लेखनीय है कि
पुलिस की यह दूसरी बड़ी सफलता है. इसके
पूर्व पुलिस अधीक्षक श्री राकेश जैन के मार्गदर्शन में पुलिस ने छिंदवाड़ा
जिले से दो शेर की खाल एवं उसके आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
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