खुर्शीद ने छीना
विकलांगों का निवाला
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली
(साई)। केंद्रीय कानून और अल्पसंख्यक
कल्याण मंत्री सलमान खुर्शीद अब फंसते नज़र आ रहे हैं. निजी टीवी चौनल आज तक के
स्टिंग ‘ऑपरेशन
दुर्याेधन’ में यह बात
सामने आई है कि डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, फर्रूखाबाद ने
विकलांग कल्याण के नाम पर अफसरों के जाली दस्तखत और मोहर लगाकर करीब 71 लाख रुपयों का
घोटाला किया है. यह फंड 2010 में दिया गया था. इस ट्रस्ट पर सरकार की मेहरबानी यहीं नहीं
रुकी. सरकार ने अगले ही साल 2011 में उसे 68 लाख रुपए फिर दे
दिए.
उल्लेखनीय है कि
डॉ. जाकिर हुसैन सलमान खुर्शीद के नाना और देश के पूर्व राष्ट्रपति हैं. उनकी याद
में इस ट्रस्ट की स्थापना 1986 में हुई थी. एनजीओ को फंड केंद्र सरकार की
ओर से दिए गए थे. निजी न्यूज चौनल ने दावा किया है कि डॉ. जाकिर हुसैन ट्रस्ट
फर्रूखाबाद, का कामकाज
उत्तरप्रदेश के 17 जिलों में
फैला हुआ है. इस एनजीओ का पता सलमान खुर्शीद के दिल्ली में मौजूद स्थायी घर 4, गुलमोहर एवेन्यू, जामिया नगर, नई दिल्ली है.
गौरतलब है कि सलमान
खुर्शीद इस ट्रस्ट के अध्यक्ष और उनकी पत्नी लुइस खुर्शीद इसकी प्रोजेक्ट
डायरेक्टर हैं. खबरों के मुताबिक 12 जनवरी 2012 को लिखी गई उत्तर
प्रदेश सरकार की एक चिट्ठी से गड़बड़झाला सामने आया. इसके मुताबिक अफसरों के जाली
दस्तखत किए गए. जाली सील-मोहरों का इस्तेमाल हुआ और डकार लिए गए लाखों रुपए. ये
रुपए भारत सरकार ने विकलांगों की बेहतरी के लिए दिल्ली से भेजे थे.
सरकार द्वारा दिए
गए इस रुपए से चलने-फिरने में बेबस महसूस करने वालों को तिपहिया वाहन देना था तो
कम सुनाई देने वालों को हियरिंग एड दिए जाने थे. सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस
खुर्शीद के हस्ताक्षर से जारी हुई चिट्ठी के मुताबिक शिविर भी लगे, उपकरण भी बंटे और
अफसरों को इसकी इत्तिला भी दी गई.
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