बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

मीनाक्षी की लाल बत्ती पर संकट के बादल


मीनाक्षी की लाल बत्ती पर संकट के बादल

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। केंद्रीय मंत्रीमण्डल विस्तार में सांसद मीनाक्षी नटराजन को टीम राहुल कोटे से लाल बत्ती मिलना तय माना जा रहा था, किन्तु अचानक ही रतलाम में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, सांसद प्रेम चंद गुड्डू और मीनाक्षी नटराजन की उपस्थिति में हुए कलेक्टर के साथ विवाद में मीनाक्षी नटराजन की भूमिका से अब उनकी लाल बत्ती पर प्रश्न चिन्ह लगने आरंभ हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया,  सांसद प्रेमचंद गुड्डू  और मीनाक्षी नटराजन सोमवार को एक बैठक के दौरान रतलाम कलेक्टर राजीव दुबे पर जमकर बरसे। पहले गुड्डू ने कहा- भाजपाई कलेक्टर मत बनो। भुला देंगे कलेक्टरी। फिर भूरिया ने भी कहा- पहले भी कई कलेक्टरों को देखा है। आपको प्रोटोकॉल तक की समझ नहीं है। भाजपा के एजेंट बनकर क्यों काम कर रहे हो?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और सांसद प्रेमचंद गुड्डू व मीनाक्षी नटराजन द्वारा रतलाम कलेक्टर राजीव दुबे को फटकार लगाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। नाराज आईएएस एसोसिएशन ने आपात बैठक बुलाकर सांसदों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया और घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उधर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने चेतावनी दी है कि दो दिन में यदि सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया तो 12 अक्टूबर को वे सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। उधर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने मंगलवार से दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी है।
श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री निवास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष उमर फारुख खट्टानी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात की और कहा कि 10 और 11 अक्टूबर को वे काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो संघ के सभी सदस्य 12 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। आईपीएस-आईएफएस एसोसिएशन, मप्र राजपत्रित अधिकारी संघ, मप्र राज्य वन सेवा संघ और मप्र राजस्व अधिकारी संघ ने भी सांसदों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किए हैं।
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि घटनाक्रम की उच्च-स्तरीय जांच होगी।  चौहान ने यह घोषणा मंगलवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा एसोसिएशन, राज्य प्रशासनिक सेवा तथा तहसीलदार संघ के प्रतिनिधियों के ज्ञापन मिलने के बाद की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सबकी गरिमा की रक्षा की जाएगी। किसी के साथ भी अशोभनीय व्यवहार अनुचित है।
बताया जाता है कि सांसद कांतिलाल भूरिया ने इस संबंध में अपनी सफाई दिल्ली आलाकमान और प्रधानमंत्री को देने का मन बना लिया है। वे 12 अक्टूबर को इस संबंध में दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है, जब भूरिया, गुड्डू और नटराजन कलेक्टर पर बरसे हों। भोपाल में 4 अक्टूबर की रैली के पहले देर रात एक बजे भूरिया ने भोपाल कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव को खरी-खरी सुनाई थी। अगस्त में एक बैठक में प्रोटोकॉल के मुद्दे पर नटराजन नीमच कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भिजवा चुकी हैं। गुड्डू उज्जैन की तत्कालीन कलेक्टर एम गीता के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। हालांकि गीता का उज्जैन से तबादला हो गया है, लेकिन गुड्डू की नाराजगी अब भी बरकरार है।
आला अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक सभी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और सांसद प्रेमचंद गुड्डू व मीनाक्षी नटराजन के व्यवहार की निंदा की है। संभवतः यह पहला मौका है जब किसी कलेक्टर के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में पूरा कर्मचारी जगत लामबंद हो गया है। कुछ संगठनों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की, जबकि शेष संगठन उनसे एक-दो दिन में मिलने वाले हैं।
मप्र आईएएस एसोसिएशन ने अपनी बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया। आईपीएस एसोसिएशन के सचिव आदर्श कटियार, आईएफएस एसोसिएशन के सचिव अरुण कुमार,  मप्र राजपत्रित अधिकारी संघ के महासचिव और मप्र राज्य वन सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष डीके दुबे ने बताया कि उनकी एसोसिएशन ने भी घटना की निंदा की है। मप्र प्रशासनिक सेवा संघ ने घटना के विरोध में हड़ताल की चेतावनी दी है।

सांसदों के त्रिफला ने बनाया कांग्रेस के खिलाफ माहौल

कांतिलाल भूरिया, प्रेम चंद गुड्डू और मीनाक्षी नटराजन के कलेक्‍टर के खिलाफ किए सर्कस से प्रदेश भर में कर्मचारियों में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनना आरंभ हो गया है। इस समूचे प्रकरण से यह संदेश जा रहा है कि दस साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस के नेताओं को अब वापसी की उम्मीद ना के बराबर है इसीलिए हताशा में कांग्रेस के सांसद अब भाईगिरी पर उतर आए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा की शिवराज सरकार इस मामले को जितना तूल देगी यह मामला उसके पक्ष में उतनी ही तेजी से माहौल बनवा देगा।

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