बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

सावधान मोबाईल लगाएगा करंट!

सावधान मोबाईल लगाएगा करंट!

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। सावधान, मोबाईल पर घंटों बतियाने की आदत में सुधार कर लें क्योंकि जल्द ही मोबाईल पर बतियाना बहुत मंहगा होने वाला है. जल्द ही मोबाइल काल दरों में इजाफा होने वाला है. केंद्र सरकार ने ईजीओएम की बैठक में एक सीमा से ज्यादा स्पेक्ट्रम रखने वाली मौजूदा दूरसंचार कंपनियों से एकमुश्त फीस वसूलने का फैसला लिया है.
इस फैसले के बाद संभावना जताई जा रही है कि एयरटेल और वोडाफोन अपनी काल दरों में इजाफा कर सकते हैं. हालांकि अभी इस फैसले पर कैबिनेट की मुहर लगनी बाकी है. ईजीओएम की बैठक में उन दूरसंचार कंपनियों के लाइसेंस शुल्क को लौटाने का फैसला किया है, जिनके लाइसेंस किसी तरह के आपराधिक मामले में नहीं होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से रद्द हो गए थे.
गौरतलब है कि इससे सिस्टेमा, टाटा टेलीसर्विसेज सहित कई कंपनियों को राहत मिलेगी. क्योंकि इन कंपनियों के खिलाफ कोई मामला अदालत में साबित नहीं हो पाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनके सहित तमाम कंपनियों 122 लाइसेंस रद कर दिए थे. इस बात का जिक्र नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ था. बाद में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने भी अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश की थी कि जिन कंपनियों के पास इस सीमा से ज्यादा स्पेक्ट्रम हैं, उनसे इसकी फीस ली जाए. बहरहाल, एकमुश्त फीस का निर्धारण आगामी नीलामी के आधार पर किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए थे, उनके स्पेक्ट्रम की नीलामी शीघ्र की जानी है. नीलामी के लिए पूरे देश में दूरसंचार सेवा शुरू करने के लिए कम से कम 14,000 करोड़ रुपये देने होंगे. अंतिम कीमत इससे काफी ज्यादा भी हो सकती है. जबकि पहले इन कंपनियों ने सिर्फ 1,658 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जाहिर है कि टेलीकॉम कंपनियों पर काफी बोझ पड़ेगा.
सरकार को उम्मीद है कि इससे कम से कम 27 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा. खबरों के मुताबिक अतिरिक्त शुल्क पिछली तारीख से नहीं देना पड़ेगा, बल्कि जिस दिन इसे लागू किया जाएगा, उस दिन से चुकाना पड़ेगा. इसके बावजूद सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (सीओएआइ) ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है.

कोई टिप्पणी नहीं: